मधुमेह (डायबिटीज) के लिए योग – Yoga For Diabetes in Hindi
मधुमेह (डायबिटीज) के लिए योग – Yoga For Diabetes in Hindi Ankit Rastogi Hyderabd040-39560308zero October 18, 2019 विषय सूचीमधुमेह में कैसे लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Diabetes in Hindiमधुमेह (डायबिटीज) के लिए योग – Yoga For Diabetes in Hindiभागदौड़ भरी जिंदगी और जीवन में आगे बढ़ने की ललक में कई लोग अपने खान-पान और दैनिक दिनचर्या को बिगाड़ देते हैं। बिगड़ी आहार शैली और दिनचर्या का नतीजा यह होता है कि शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। फलस्वरूप कई गंभीर बीमारियां हावी होने लगती हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है, मधुमेह (डायबिटीज)। डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकती है। कभी-कभी तो यह जन्म के साथ ही जिंदगी में दाखिल हो जाती है, क्योंकि यह एक आनुवंशिक बीमारी भी है (1), लेकिन योग ऐसा विकल्प है, जिसकी मदद से आप इस बीमारी को खुद से दूर रख सकते हैं और इससे होने वाले जोखिमों से बच सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको मधुमेह के लिए योग के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप एक खुशहाल जिंदगी बिता सकते हैं।डायबिटीज के लिए योगासन के विभिन्न प्रकारों से पहले शुगर के लिए योग कैसे लाभदायक है, इस बारे में थोड़ा जान लेते हैं।मधुमेह में कैसे लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Diabetes in Hindiयोग करने से तनाव और चिंता जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही यह उपापचय प्रक्रिया को ठीक करके इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को भी तेज करने में सहायता करता है। इससे ब्लड शुगर का लेवल कम होता है और डायबिटीज की समस्या में काफी हद तक राहत मिलती है (2) (three)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए योग एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।मधुमेह के लिए योग फायदेमंद है, यह तो आपने जान लिया, अब हम डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए योग के कुछ आसन बताएंगे।मधुमेह (डायबिटीज) के लिए योग – Yoga For Diabetes in Hindiडायबिटीज के लिए योगासन के कई प्रकार हैं, जिनमें से कुछ आसान आसनों के बारे में हम आपको बता रहे हैं (2)।1. कपालभातिकैसे है लाभदायक :डायबिटीज के लिए योग के फायदे पाने के लिए आप कपालभाति का अभ्यास कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में सांस छोड़ते समय पेट पर दबाव आता है। यह दबाव अग्नाशय (पेनक्रियाज) की बीटा कोशिकाओं की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करता है, जो इंसुलिन के निर्माण में सहायक होती हैं। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित कर डायबिटीज की समस्या में राहत पहुंचाता है। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि मधुमेह के लिए योग का यह प्रकार फायदेमंद साबित हो सकता है।करने का तरीका :इस आसन को करने के लिए योग मैट बिछाएं और पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।अब गहरी सांस लें और उसे धीरे-धीरे छोड़ दें। इसके बाद आपका लगातार नाक से सांस छोड़नी है।सांस छोड़ते वक्त आपको यह ध्यान रखना होगा कि ऐसा करते समय आपका पेट अंदर की ओर जाए।मुंह बंद रखें और लगातार नाक से ही सांस लेते-छोड़ते रहें। हर बार सांस छोड़ने पर पेट अंदर की ओर जाएगा।इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे और आराम से लगातार दोहराएं। जोर लगाने की कोशिश न करें।थकान लगने पर थोड़ी देर विराम करें और इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।इस तरह आप कपालभाति के चार से पांच चक्र पूरे कर सकते हैं।सावधानियां :माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, मिर्गी और हृदय संबंधी समस्या में डॉक्टर की सलाह पर ही इस आसन को करें।गर्भवती महिलाएं इस आसन से दूर रहें, तो बेहतर होगा।इस आसन को खाली पेट करना चाहिए। इसलिए, अभ्यास से पूर्व कुछ भी न खाएं।अगर आप पहली बार इस आसन को कर रहे हैं, तो विशेषज्ञ के साथ ही अभ्यास करें।मासिक धर्म के दौरान इस आसन को नहीं करना चाहिए।2. अनुलोम–विलोमकैसे है लाभदायक :मधुमेह के लिए योग में आप अनुलोम विलोम को भी शामिल कर सकते हैं। यह योग का ऐसा प्रकार है, जिसमें खासतौर पर सांस पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसका नियमित अभ्यास तनाव और चिंता को तो दूर करता ही है, साथ ही मानसिक और तंत्रिका तंत्र संबंधी कई समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। वहीं, संयुक्त रूप से उपापचय प्रक्रिया को ठीक कर वजन कम करने में भी यह योग लाभदायक साबित होता है, जो शुगर की समस्या का अहम जोखिम कारक है। इस कारण हम कह सकते हैं कि डायबिटीज के लिए योग के फायदे पाने के लिए योग का यह प्रकार बेहद आसान और उत्तम है।करने का तरीका :सबसे पहले आप योग मैट बिछाकर सुखासन, सिद्धासन, वज्रासन या पद्मासन में से किसी में भी बैठ जाएं।अब अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठाते हुए अंगूठे से नाक की दाहिनी नासिका को बंद करें।फिर बाईं नासिका से गहरी सांस लें।इसके बाद अपने दाहिने हाथ की मध्य उंगली से नाक की बाईं नासिका को बंद करें। फिर दाईं नासिका से सांस बाहर की ओर छोड़ें।ध्यान रहे कि इस दौरान आपका बायां हाथ घुटने पर रहे।आप करीब चार से पांच मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराएं।सावधानियां :मासिक धर्म व गर्भावस्था में महिलाएं इसका अभ्यास न करें।किसी भी प्रकार की सर्जरी हुई हो, तो भूलकर भी इस योग का अभ्यास न करें।हृदय रोग से पीड़ित हैं, तो गहरी सांस न लें, नहीं तो तकलीफ बढ़ सकती है।three. मंडूकासनकैसे है लाभदायक :डायबिटीज के लिए योगासन में आप मंडूकासन को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अभ्यास के दौरान पेट के निचले हिस्से पर जोर पड़ता है। इस कारण अग्नाशय (पेनक्रियाज) की कार्य क्षमता में सुधार आता है और इंसुलिन के बनने की प्रक्रिया भी ठीक होती है। इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।करने का तरीका : इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं।अब अपने दोनों हाथों को आगे की ओर लाएं और दोनों अंगूठों को हथेली पर रख मुट्ठी बंद कर लें।दोनों हाथों की मुट्ठियों को आपस में मिलाते हुए पेट पर नाभि के पास रखें।इसके बाद गहरी सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुक जाएं।ध्यान रहे कि आगे झुकते वक्त आप अपनी सांस रोक कर रखें और सामने की ओर देखते रहें।इस स्थिति में चार से पांच मिनट तक बने रहने का प्रयास करें।समय पूरा होने पर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।सावधानियां :पेट में चोट या दर्द की स्थिति में इस आसन को न करें।घुटने में दर्द होने पर इस आसन को करने की कोशिश न करें।पेट के अल्सर में इस आसन को नहीं करना चाहिए।अभ्यास के दौरान पेट पर अधिक खिंचाव या तनाव बिल्कुल भी न डालें।हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा और माइग्रेन की समस्या होने पर इस आसन से दूर रहें।गर्भवती महिलाएं इस आसन को न करें।पहली बार इस आसन को करने वाले योग ट्रेनर की देखरेख में ही इसका अभ्यास करें।four. अर्धमत्स्येंद्रासनकैसे है लाभदायक :बताया जाता है कि अर्धमत्स्येंद्रासन में भी मंडूकासन की ही तरह पेट के निचले हिस्से में तनाव पैदा होता है, जो अग्नाशय (पेनक्रियाज) की कार्य क्षमता में सुधार करता है और इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को भी बढ़ाता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि मधुमेह के लिए योगासन के इस प्रकार को शामिल कर शुगर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।करने का तरीका : सबसे पहले योग मैट बिछाएं और पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाकर बैठ जाएं।अब अपने दाएं घुटने को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने के साइड में बाहर की ओर रखें।फिर बाएं घुटने को मोड़ते हुए, बाईं एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें।ध्यान रहे कि इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।अब बाईं बाजू को दाएं घुटने के बाहर रखते हुए दाएं टखने को पकड़ने का प्रयास करें।इसके गर्दन और कमर को दाहिनी ओर घुमाएं।कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में बने रहें।बाद में इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।सावधानियां :पेप्टिक अल्सर और हर्निया की समस्या में इस आसन को न करें।रीढ़ की हड्डी में दर्द या चोट लगी हो, तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।मासिक धर्म के दौरान महिलाएं इस आसन को करने से बचें।गर्भवती महिलाएं इस आसन का अभ्यास न करें।किसी भी प्रकार की सर्जरी हुई है, तो इस आसन को करने से बचें।5. वक्रासनकैसे है लाभदायक :मधुमेह के लिए योगासन में आप वक्रासन को भी शामिल कर सकते हैं। योग आसन के इस प्रकार में अग्नाशय (पेनक्रियाज) पर दबाव और तनाव पैदा होता है। इस कारण अग्नाशय की शिथिल हुई बीटा कोशिकाओं में सक्रियता आती है और इंसुलिन अच्छी मात्रा बनने लगती है। इस कारण हम कह सकते हैं कि योग का यह प्रकार ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक साबित होता है।करने का तरीका : सबसे पहले योग मैट बिछाएं और दोनों पैर आगे फैलाकर बैठ जाएं।अब अपने दोनों हाथों को कमर के अगल-बगल जमीन पर रखें।ध्यान रहे, आपकी रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रहे और नजर सामने की ओर रहे।अब दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने की सीध में लाएं और घुटने से सटाते हुए पंजे को जमीन पर रखें।अब अपने दाएं हाथ को पीछे की ओर ले जाएं और जमीन पर हथेली को सटा दें।इसके बाद अपने बाएं हाथ को दाहिने घुटने के ऊपर से आगे लाएं और घुटने से हाथ की कोहनी को सटाते हुए हथेली को पैर के पंजे पास जमीन पर रखें।अब अपनी गर्दन को धीरे-धीरे दाहिनी ओर घुमाते हुए जितना हो सके पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें।अब कुछ देर इस स्थिति में बने रहने की कोशिश करें।अंत में अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।सावधानियां :गर्दन में दर्द होने पर इसका अभ्यास न करें।पेट या कमर में दर्द की स्थिति में इस आसन को नहीं करने की सलाह दी जाती है।इस आसन में अधिक सावधानी की जरूरत होती है, इसलिए जब तक अभ्यास न हो जाए, इसे योग ट्रेनर की निगरानी में ही करें।6. शवासनकैसे है लाभदायक :मधुमेह के लिए योगासन में शवासन भी शामिल है। यह एक ऐसा आसन है, जिसमें पूरे शरीर को शिथिल छोड़ दिया जाता है। ऐसा करने से शरीर आराम की अवस्था में चला जाता है और तनाव व चिंता दूर होती है। साथ ही शरीर की अन्य कार्य प्रणालियों को भी आराम मिलता है। इससे उनकी कार्यक्षमता सुधरती है। विशेषज्ञों का मानना है कि शवासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर ब्लड शुगर की बढ़ी हुई मात्रा को भी नियंत्रित कर सकता है।करने का तरीका :सबसे पहले योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।अब अपनी हथेलियों को शरीर से कुछ दूरी पर रखें।ध्यान रहे, ऐसा करते वक्त हथेलियां आसमान की तरफ रहें।दोनों पैरों को सीधा रखें और उनके बीच कुछ दूरी बनाए रखें।पूरे शरीर को एक दम ढीला छोड़ दें।अब अपनी आंखों को बंद करें और ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।हल्की-हल्की सांस लें और विचार करें कि आपका शरीर पूरी तरह से हल्का हो गया है।इस दौरान विशेष ध्यान दें कि आपका मस्तिष्क पूरी तरह से शांत रहे।करीब चार से पांच मिनट तक इस स्थिति में बने रहें।अंत में प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।सावधानियां :ध्यान रहे, इस आसन में आप सोएं नहीं।गर्भवती महिलाएं अभ्यास के दौरान गर्दन के नीचे तकिये का इस्तेमाल करें।योग फॉर डायबिटीज के इस लेख में आपने जाना कि योग आसन के तरीके केवल मन को शांति और तनाव से मुक्ति ही नहीं देते, बल्कि शुगर जैसी गंभीर बीमारी से राहत दिलाने में भी सहायक साबित होते हैं। वहीं, डायबिटीज के लिए योगासन के तरीकों और उनसे जुड़ी सावधानियों के बारे में भी आपको लेख के माध्यम से पता चल चुका है। फिर देर किस बात की, आज से ही योग को अपनी जिंदगी में शामिल करें और शुगर जैसी अन्य कई बीमारियों को अलविदा कहें। उम्मीद है कि यह लेख आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इस विषय से संबंधित अन्य कोई सुझाव या सवाल हो, तो नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स के जरिए हमें जरूर बताएं। RelatedThe following two tabs change content material under.अंकित रस्तोगी ने साल 2013 में हिसार यूनिवर्सिटी, हरियाणा से एमए मास कॉम की डिग्री हासिल की है। वहीं, इन्होंने अपने स्नातक के पहले वर्ष में कदम रखते ही टीवी और प्रिंट मीडिया का अनुभव लेना शुरू कर दिया था। वहीं, प्रोफेसनल तौर पर इन्हें इस फील्ड में करीब 6 सालों का अनुभव है। प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में इन्होंने संपादन का काम किया है। कई डिजिटल वेबसाइट पर इनके राजनीतिक, स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल से संबंधित कई लेख प्रकाशित हुए हैं। इनकी मुख्य रुचि फीचर लेखन में है। इन्हें गीत सुनने और गाने के साथ-साथ कई तरह के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने का शौक भी हैं।संबंधित आलेख